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न्यूजीलैंड दौरे पर गई पाकिस्तान टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट हार चुकी है। इस हार के बाद बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान आमिर सोहेल ने कोच मिस्बाह उल हक और वकार यूनिस पर तंज कसा। सोहेल ने कहा- कोच का काम सिर्फ बेहतर प्रदर्शन पर ताली बजाना या शाबासी देना नहीं है। बल्कि उनकी कमियां दूर करना है। दूसरा टेस्ट 3 जनवरी से खेला जाएगा।
टीम से हटाएं तो वजह बताएं
सोहेल ने अपने ब्लॉग पर लिखा - नए खिलाड़ियों को कुछ मैच में खराब प्रदर्शन के बाद हटा दिया जाता है। यह नहीं बताया जाता कि उनमें क्या कमी है। उसे कैसे सुधारा जा सकता है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले मोहम्मद आमिर को भी टीम से ड्रॉप किए जाने के कारणों के बारे में नहीं बताया गया। उसकी कमियों को दूर करने के लिए क्या किया गया? ताली और शाबासी देने के लिए कोच की जरूरत नहीं है। इसके लिए तो कुछ आदमियों को रख लेना चाहिए। ये प्लेयर्स के अच्छा खेलने पर ताली बजाते रहेंगे। इससे बोर्ड का पैसा भी बचेगा।
PSL के बेस पर टेस्ट टीम क्यों चुनी जाती है
इस पूर्व ओपनर ने आगे कहा- हमारी दिक्कत ये है कि हम टेस्ट टीम का चयन टी-20 के प्रदर्शन के आधार पर कर रहे हैं। टेस्ट बैट्समैन के लिए पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) आधार कैसे हो सकता है। टेस्ट में तो ऐसे बल्लेबाज चाहिए जो अनुभवी, तकनीकी तौर पर बेहतर और मानसिक तौर पर मजबूत हो। वो जरूरत मुताबिक बैटिंग कर सके और क्रीज पर ज्यादा वक्त बिता सके। मुझे भरोसा है कि मोहम्मद वसीम इन सब बातों को ध्यान में रखकर टीम सिलेक्ट करेंगे।
टीम के खराब प्रदर्शन के लिए मिस्बाह उल हक को दोष देना ठीक नहीं
सोहेल ने कहा- टीम के खराब प्रदर्शन के लिए मिस्बाह-उल-हक को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। दोषी तो वे लोग हैं जिन्होंने उन्हें नियुक्त किया है। PCB को कोच का सिलेक्शन टांसपेरेंट तरीके से करना चाहिए। मैं निष्पक्ष रूप से मांग करता हूं कि मिस्बाह को अपने को साबित करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। वे काम को सीख रहे हैं और ईमानदारी से करने की कोशिश कर रहे हैं।
मेरा मानना है कि पूर्व खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेटरों को ट्रेनिंग देने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए। वे वहां पर बेहतर करते हैं, तो उन्हें पाकिस्तान के अंडर -19 टीम का कोच नियुक्त किया जाना चाहिए। उसके बाद उन्हें पाकिस्तान के मुख्य टीम का जिम्मा दिया जाना चाहिए।
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