Sunday, 14 August 2022
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1936-ओलिंपिक का गोल्ड जीतने के बाद क्यों रोए थे ध्यानचंद:साथियों से बोले- मैं रो रहा हूं, क्योंकि मैंने परतंत्र भारत के लिए मेडल जीता
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गुस्से से दिल, दिमाग और पेट बीमार पड़ता है:ये चिंता से भी ज्यादा खतरनाक, याददाश्त कमजोर होती है
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